
6. ‘ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्मी, महासरस्वती ममगृहे आगच्छ-आगच्छ ह्रीं नम:’
रावण संहिता के अनुसार, इस मंत्र का 108 बार जप शुभ अवसर पर ही करना चाहिए। मकर संक्रांति, होली, अक्षय तृतीया, कृष्ण जन्माष्टमी, महाशिवरात्री और दिवाली जैसे शुभ अवसर पर मध्यरात्रि में इस मंत्र का जप करना चाहिए। सबसे पहले इस मंत्र को कुमकुम से थाली पर लिखें और फिर जप करें।
इससे आपकी आर्थिक तंगी दूर होती है।