Lord Hanuman | हनुमान जी का जन्म और उनकी महिमा

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हनुमान जी का जन्म और उनकी महिमा कथा

हनुमान जी का जन्म:

हनुमान जी का जन्म तब हुआ जब पवन देवता और अंजना माता के आशीर्वाद से अंजना जी ने हनुमान जी को जन्म दिया। पवन देवता ने अंजना से वचन लिया था कि वह उन्हें एक पुत्र प्रदान करेंगे, जो अत्यंत बलशाली, बुद्धिमान, और महान होगा। अंजना जी ने अपने तप और श्रद्धा से पवन देवता से पुत्र प्राप्ति का वरदान मांगा था। इसके बाद हनुमान जी का जन्म हुआ।

माना जाता है कि हनुमान जी का जन्म एक विशेष अवसर पर हुआ था, जब रघुकुल के सूर्य, भगवान राम का जन्म हुआ। हनुमान जी के जन्म के समय, सभी देवी-देवता और ऋषि-मुनि आकाश में उपस्थित थे और हर्षित थे। पवन देवता ने उन्हें आशीर्वाद दिया और वह भगवान राम के परम भक्त बने।

हनुमान जी की महिमा:

  1. अद्भुत बल और साहस: हनुमान जी को अद्भुत बल और साहस का आशीर्वाद प्राप्त था। बचपन में ही उन्होंने सूर्य देवता को उड्डयन करते हुए देखा था और उन्हें पकड़ने की कोशिश की थी। इस कारण उनका नाम “हनुमान” पड़ा, क्योंकि उनके चेहरे पर एक दाँत का चिह्न (हनु) था। भगवान राम के साथ लंका जाने के समय उन्होंने राक्षसों को हराया और लंका में राक्षसी रावण की सत्ता को चुनौती दी।

  2. भक्ति और समर्पण: हनुमान जी भगवान राम के प्रति अपनी अपार भक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं। रामायण में उनकी भक्ति और समर्पण का अनेक उदाहरण मिलते हैं। वह भगवान राम के आदेश का पालन न केवल शरीर से करते थे, बल्कि मन, वचन, और क्रिया से भी भगवान राम के प्रति समर्पित रहते थे।

  3. ज्ञान और बुद्धिमानी: हनुमान जी केवल बलशाली नहीं, बल्कि अत्यधिक बुद्धिमान भी थे। उन्होंने अपनी बुद्धि और ज्ञान का उपयोग कई बार किया, जैसे कि लंका जाने से पहले समुद्र को पार करने के लिए उन्होंने अपनी समझदारी से एक रास्ता निकाला। वे राम के संदूर और नीति के ज्ञाता थे।

  4. सेवा और सहायता: हनुमान जी ने हर कठिनाई में भगवान राम की मदद की। राम के साथ उनके संघर्ष के दौरान हनुमान जी ने कई बार भगवान राम का उद्धार किया। सबसे प्रसिद्ध घटना उनकी संजीवनी बूटी लाने की है, जब लक्ष्मण जी के प्राण संकट में थे और हनुमान जी ने हिमालय से संजीवनी बूटी लेकर उन्हें बचाया।

  5. अमरता और शक्ति: हनुमान जी को एक अमर देवता माना जाता है। उनकी भक्ति और शक्ति का कोई अंत नहीं है। कहा जाता है कि जब तक राम का नाम लिया जाएगा, हनुमान जी की महिमा और शक्ति लोगों के दिलों में जीवित रहेगी।

  6. हनुमान चालीसा: हनुमान जी की महिमा का बखान विशेष रूप से हनुमान चालीसा के माध्यम से किया जाता है। यह 40 श्लोकों की एक धार्मिक काव्य रचना है, जो हनुमान जी की शक्ति, भक्ति, और उनकी महानता का वर्णन करती है। इसे प्रतिदिन पढ़ने से भक्तों के जीवन में संकट दूर होते हैं और भगवान राम के आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष:

हनुमान जी की महिमा अत्यधिक विस्तृत और महान है। उनके जन्म से लेकर उनकी सेवाओं और संघर्षों तक, उन्होंने हमेशा भगवान राम की भक्ति और सेवा में अपने कर्तव्यों को निभाया। उनकी शक्ति, साहस, भक्ति, और ज्ञान हर भक्त के लिए एक प्रेरणा है। हनुमान जी के चरणों में अडिग विश्वास रखने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं।

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