Raksha Bandhan | रक्षाबंधन

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रक्षाबंधन (Raksha Bandhan)

 

महीना: अगस्त

रक्षाबंधन, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भाई-बहन के प्रेम, स्नेह और रक्षा के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त माह में आता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र व सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई बहनों की रक्षा करने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व हिंदू धर्म के विभिन्न पुराणों और कथाओं से जुड़ा हुआ है। यह पर्व केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में प्रेम, विश्वास और सुरक्षा की भावना को भी दर्शाता है। इस दिन न केवल सगे भाई-बहनों के बीच बल्कि अन्य आत्मीय संबंधों में भी राखी बांधने की परंपरा है।

रक्षाबंधन से जुड़ी पौराणिक कथाएं

  1. इंद्र और इंद्राणी की कथा – पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार देवता और असुरों के बीच युद्ध हुआ, जिसमें देवताओं की हार होने लगी। तब देवराज इंद्र की पत्नी इंद्राणी ने श्रावण पूर्णिमा के दिन इंद्र के हाथ में एक रक्षा सूत्र बांधा, जिससे इंद्र को युद्ध में विजय प्राप्त हुई।
  2. कृष्ण और द्रौपदी की कथा – महाभारत में उल्लेख मिलता है कि जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी का एक टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इससे प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को यह वचन दिया कि जब भी वह संकट में होंगी, वह उनकी रक्षा करेंगे।
  3. रानी कर्णावती और हुमायूं – मध्यकालीन भारत में रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी। हुमायूं ने इसे बहन का प्रेम समझकर उनकी रक्षा का वचन दिया।

रक्षाबंधन का उत्सव और परंपराएं

रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर, उनके हाथों में राखी बांधकर, मिठाई खिलाकर उनकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करती हैं। भाई अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देते हैं तथा जीवनभर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।

रक्षाबंधन की प्रमुख परंपराएं:

  1. स्नान और पूजा – इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है और भगवान की पूजा की जाती है।
  2. राखी बांधने की प्रक्रिया – बहनें भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनके हाथ में राखी बांधती हैं।
  3. मिठाई और उपहार – राखी बांधने के बाद भाई-बहन एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हैं और भाई अपनी बहन को उपहार देता है।
  4. परिवार के साथ आनंद – इस दिन पूरा परिवार एक साथ मिलकर भोजन करता है और खुशियां मनाता है।

रक्षाबंधन का आधुनिक महत्व

आज के समय में रक्षाबंधन केवल पारिवारिक त्योहार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में प्रेम और भाईचारे का प्रतीक बन गया है। कई स्थानों पर यह पर्व मित्रों और रिश्तेदारों के बीच भी मनाया जाता है। यहाँ तक कि सैनिकों को भी बहनें राखी भेजकर उनके प्रति सम्मान प्रकट करती हैं।


निष्कर्ष

रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि एक संस्कार और रिश्तों की डोर को मजबूत करने का माध्यम है। यह भाई-बहन के अटूट प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के संकल्प का प्रतीक है। यह पर्व हमें अपने प्रियजनों के प्रति प्रेम और स्नेह व्यक्त करने का अवसर देता है और समाज में एकता और सौहार्द की भावना को बढ़ाता है।

“रक्षाबंधन का यह पावन त्योहार, भाई-बहन के रिश्ते को बनाए अपार।”

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