संतोषी माता चालीसा
जय संतोषी माता, दीनन की दाती।
तेरी महिमा अनंत, निरंतर है ज्योति।
तू ही सुख-समृद्धि की, विधाता है साक्षात।
माता की कृपा से, मिटे सभी कष्ट।
संतोषी माता की महिमा अनमोल है,
हर मनुष्य का हर दुःख दूर कर दे।
धन-दौलत की प्यास को शांत कर दे,
जो कुछ भी चाहिए, वही तू दे।
जो भक्त तुझे सच्चे मन से पुकारे,
तेरे आशीर्वाद से भाग्य उसे मिले।
तेरा हर शब्द सुख-शांति का स्रोत है,
जो तुझे पूजे, उसे ही सफलता मिलती है।
तेरी कृपा से जीवन संवर जाता है,
जो तेरी पूजा करता, उसका कल्याण होता है।
संतोषी माता, सबकी रखवाली करो,
धन्य हो हर घर, जहाँ तेरा वास हो।
सबका कष्ट दूर करो, सुख-संपत्ति का वरदान दो,
तेरे नाम का जाप, जीवन में सुख लाए।
जय संतोषी माता, भव-बंधन से मुक्त करो,
हर कष्ट को हर दो, हमारे हर दुखों को दूर करो।
संकटों से दूर रखो, हमारी रक्षा करो,
हर काम में सफलता और सुख का वरदान दो।
संतोषी माता का आशीर्वाद हम पर सदैव बना रहे,
सफलता, सुख, और समृद्धि से जीवन संवर जाए।
॥ दोहा ॥
जय संतोषी माता, जय संतोषी माता,
भक्तों के दिल में बसी है तेरी महिमा